इस लेख में हम भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण टॉपिक History of Rajput Period PDF ( राजपूतों के राजवंश का इतिहास)
के बारे में जानगे तथा इस अध्याय से प्रतियोगी परीक्षाओं में किस प्रकार से प्रश्न पूछे जाते है इस अध्याय में जानगे आप सभी को
पता है कि भारतीय इतिहास से भी प्रतियोगी परीक्षाओं में अवश्य प्रश्न पूछे जाते है और ये प्रश्न बहुत ही महत्वपूर्ण होते है ।
History of Rajput Period PDF

प्राचीन भारतीय इतिहास में हर्ष की मृत्यु के पश्चात् से 1200 ई तक के काल को राजपूत युग के नाम से जाना जाता है ।
राजपूत शब्द संस्कृत के राजपुत्र शब्द का अपभ्रंश है राजपूत शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम सातवीं शताब्दी में ही मिलता
है राजतरंगिणी में राजपूतों के 36 कूलों का विवरण मिलता है ।
राजपूत शासकों के बारे में जानकारी के में ग्वालियर प्रशास्ति , ऐहोल अभिलेख नयचंद्रसूरी का
हम्मीरकाव्य , पद्मगुप्त द्वारा रचित नवसाहशांकचरित् आदि । है।
नागभट्ट प्रथम ने गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की थी 730 ई. में । नागभट्ट प्रथम मालवा का शासक था ।
वत्सराज ने पाल वंश के शासक धर्मपाल को पराजित किया ।
इस वंश का शासक नागभट्ट द्तीय महान विजेता था, उसने अरबों को आगे बढ़ने से रोका । नागभट्ट द्तीय ने कन्नौज की अपनी राजधानी बनाई ।
नागभट्ट द्तीय ने बंगाल के शासक धर्मपाल को पराजित कर अपने साम्राज्य का विस्तार किया । इस वंश का
सर्वाधिक शक्तिशाली और प्रतापी राजा महिरभोज था । इसकी राजधानी कन्नौज थी , इसने आदि बाराह की उपाधि धारण की थी ।
महिरभोज ने पाल राज्य के बड़े भू-भाग पर अधिकार कर लिया था। मिहिरभोज वैष्णव धर्म का अनुयायी था।
अरब यात्री सुलेमान के अनुसार मिहिरभोज अरबों का शत्रु था । महेन्द्रपाल ने मगध तथा उत्तरी बंगाल का विजय प्राप्त की ।
महे्द्रपाल के गुरु, राजशेखर थे, जो संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान थे ।
महिपाल के शासनकाल में अलमसूदी नामक लेखक भारत की यात्रा पर आया था । प्रतिहार वंश का अन्तिम शासक राज्यपाल था । प्रतिहार वंश के शासक मुस्लिम आक्रमणकारियों को लगभग 300 वर्षों तक रोके रखा ।
तोमर वंश
आप को बता दे तोमरों को 36 राजपूत वंशों में से एक माना जाता है अनंगपाल तोमर ने तोमर वंश की स्थापना
की तथा ग्याहरवी सदी के मध्य दिल्ली नगर की स्थापना की । तोमर को राजधानी दिल्ली थी वहाँ से वे हरियाणा पर शासन किये ।
चौहान वंश
चौहान वंश की स्थापना सातवीं शताब्दी में वासुदेव ने किया । इस वंश की प्रारम्भिक राजधानी अहिच्छत्र थी ।
इस चौहान शासक अजयपाल ने अजमेर नगर की स्थापना की तथा उसे राजधानी बनाया । इस वंश का अन्तिम
एवं प्रसिद्ध शासक सोमेश्वर का पुत्र पृथ्वीराज तृतीय था ।
पृथ्वीराज चौहान ने राजकवि चन्द्रबदराई ने प्रसिद्ध ग्रन्थ पृथ्वीराज रासों की रचना की । पृथ्वीराज तृतीय ने 1191
ई. में तराईन में मोहम्मद गोरी की हराया । 1192 ई. में तराइऩ के दूसरे युद्ध में मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज तृतीय को हराकर दिल्ली तथा अजमेर पर अधिकार कर लिया । History of Rajput Period PDF#
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