16 महाजनपदों का उदय

इस अध्याय में हम 16 महाजनपदों का उदय के बारे में जानगे और उसनी राजधानी के बारे में भी जाने।

महाजनपदों के उदय के कारण

16 महाजनपद का उदय

महाजनपदों का मतलब

16 महाजनपदों की राजधानी

16 महाजनपदों का उदय

16 महाजनपदों का उदय
16 महाजनपदों का उदय

बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय एवं जैन साहित्य भगवती सूत्र से महाजनपदों का उल्लेख प्राप्त होता है।

महाजनपदों की संख्या 16 होती है।

सोलह महाजनपदों में मगध, कोसल, वत्स और अवन्ति सर्वाधिक शक्तिशाली थे।

सोलह महाजनपदों में अश्मक एकमात्र जनपद था, जो दक्षिण भारत में अवस्थित था।

अंग

अंग की राजधानी चम्पा थी।

अंग महाजनपद मगध राज्य के पूरब में आधुनिक भागलपुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित था।

मगध

मगध राज्य वर्तमान में पटना एवं गया जिलों (बिहार के स्थान पर स्थित था।

मगध की राजधानी गिरिव्रज थी।

मगध में सर्वप्रथम राजवंश की स्थापना ब्रहद्रथ ने की थी।

काशी

काशी राज्य की राजधानी वाराणसी थी।

जो वरूणा एवं असी नदियों के तट पर बसी हुई थी।

काशी एक शक्तिशाली राज्य था।

जिसका कौशल राज्य से सदैव संघर्ष चलता रहता था।

अवन्ति

प्राचीन भारतीय अवन्ति राज्य आधुनिक मालवा था।

अवन्ति राज्य की मुख्य राजधानी उज्जयिनी थी।

वत्स जनपद के साथ इस राज्य का निरन्तर संघर्ष रहता था।

कुरू

कुरू की राजधानी इन्द्रप्रस्थ थी।

महाभारत में कुरू महाजनपद का उल्लेख मिलता है।

यह वर्तमान में दिल्ली एवं मेरठ के प्रदेश इस राज्य के अन्तर्गत आते थे।

मत्स्य

इसकी राजधानी विराट नगरी थी।

मत्स्य जनपद कुरू राज्य के दक्षिण एवं यमुना नदी के पश्चिम में स्थित था।

गान्धार

 इसकी राजधानी तक्षशिला थी।

इस जनपद में कश्मीर, पश्चिमोत्तर प्रदेश, पेशावर एवं तक्षशिला के प्रदेश आते थे।

कम्बोज

कम्बोज की राजधानी  राजपुर थी।

बौद्ध ग्रन्थों के अनुसार कम्बोज, गन्धार जनपद का पड़ोसी राज्य था।

वत्स

वत्स काशी महाजनपद के दक्षिण पश्चिम व चेदि के उत्तर-पूर्व में स्थित था।

वत्स साम्राज्य की राजधानी  कौशाम्बी थी।

यह यमुना नदी के किनारे स्थित थी।

वत्स का अवन्ति राज्य से संघर्ष होता रहता  था।

कोशल

कोशल की राजधानी श्रावस्ती थी।

कोशल राप्ती नदी के किनारे बसा हुआ था।

कोशल जनपद लगभग आधुनिक अवध के बराबर था।

चेदि

चेदि का राजधानी शुक्तिमति थी।

आधुनिक बुन्देलखण्ड और उसके सीमावर्ती  क्षेत्र चेदि राज्य के अन्तर्गत आते थे।

वज्जि

 इसकी राजधानी वैशाली/विदेह/मिथिब्ध / कुण्डग्राम था ।

मल्ल

इसकी राजधानी कुशावती थी।

यह फैजाबाद में स्थित है।

वज्जि के समान मल्ल भी एक संघीय प्रजातन्त्रत्मकराज्य था।

कुशीगनर, कुशीनारा की तथा दूसरी शाखा की राजधानी पावा थी।

शूरसेन

इसकी राजधानी मथुरा थी।

यह उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला में स्थित है।

अश्मक

इसकी राजधानी पोटली/पोतन थी।

लिच्छवी

इसकी राजधानी वैशाली थी।

लिच्छवी गणराज्य उत्तरी बिहार में स्थित था जहाँ के शासक इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय थे।

पांचाल

इस महाजनपद की दो राजधानी थी।

प्रथम उत्तरी पांचाल

दुसरी दक्षिणी पांचाल

उत्तरी पांचाल की राजधानी अहिच्छत्र था।

दक्षिणी पांचाल की राजधानी काम्पिल्य थी

 इसे भी जाने 

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