इस अध्याय में हम हिन्दी वर्णमाला का इतिहास के बारे में जानगें। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण
एक बार आप अच्छे से पढ़े और नोट्स भी बना ले सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी
आइये हम जानते है कि इस अध्याय में हम क्या क्या जानेगे↓
- हिन्दी वर्णमाला की परिभाषा
- हिन्दी वर्णमाला महत्वपूर्ण प्रश्न
- हिन्दी वर्णमाला का प्रैक्टिस सेट
हिन्दी वर्णमाला का इतिहास
वर्णों के सुव्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है। वर्ण वह छोटी से छोटी ध्वनि है जो कानों द्वारा सुनी जाती है।
वर्ण का ही दूसरा नाम अक्षर है। हिन्दी भाषा की लिपि का नाम देवनागरी है। देवनागरी लिपि का उद्भव ब्राह्री लिपि से हुआ है।
हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। हिन्दी भाषा की वर्णमाला में 52 वर्ण होते है , स्वर की संख्या 11 होती है।
स्वर →जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी अवरोध के तथा बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है उन्हें स्वर कहते है इनकी संख्या 11 होती है।
उदाहरण → अ, आ, इ , ई. उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ , ओ, औ
दूसरे शब्दों में स्वर का परिभाषा→
स्वर : जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस, कण्ठ, तालु आदि स्थानों से बिना रुके हुए निकलती है, उन्हें ‘स्वर’ कहा जाता है।
व्यजंन → जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस कण्ठ, तालु आदि स्थानों से रुककर निकलती है, उन्हें ‘व्यंजन’ कहा जाता है।
व्यजनों की संख्या 33 होती है ।
उदाहरण ↓
कवर्ग | क | ख | ग | घ | ड. |
चवर्ग | च | छ | ज | झ | ञ |
टवर्ग | ट | ठ | ड | ढ | ण |
तवर्ग | त | थ | द | ध | न |
पवर्ग | प | फ | ब | भ | म |
अन्तःस्थ | य | र | ल | व | – |
ऊष्म | श | ष | स | ह |
वर्णमाला से प्रतियोगी परीक्षाओं में किस प्रकार से प्रश्न पूछे जाते है आईये देखते है ↓
- प्रत्येक वर्ग के प्रथम और द्तीय वर्ण को तथा फ, श, ष, स को अघोष व्यंजन कहते है।
- हर वर्ग के तृतीय, चतुर्थ, पंचम वर्ण तथा ड़, ढ़, ज, य, र, ल,व , ह और सभी स्वर को सघोष कहते हैं।
- हर वर्ग के प्रथम, तृतीय, पंचम वर्ण और अन्तस्थ वर्ण को अल्पप्राण व्यंजन कहते है।
- प्रत्येक वर्ग के द्तीय तथा चतुर्थ वर्ण और ऊष्म वर्ण को महाप्राण व्यंजन कहते हैं।
- हिन्दी में देवगारी लिपि में कुल 52 वर्ण होते है।
- व्यंजनों के नीचे जब एक तिरछी रेखा ( , ) लगाई जाये तो उसको हलन्त कहते है।
- जिनका उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है, उन्हें व्यंजन वर्ण कहते हैं।
- जिनका उच्चारण बिना अवरोध अथवा विघ्न-बाधा के होता है उन्हें वर्ण कहते है।
- जिस स्वर के उच्चारण में तिगुना समय लगे उसे क्या कहते है → प्लुत (उदाहरण – ओम् )
- अंग्रेजी से आयी हुई शब्दों वाली मात्रा को आगत स्वर कहते है जैसे – डॉक्टर, कॉलेज, कॉल आदि।
- जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है उन्हे ह्रस्व स्वर कहते है।
- जैसे →(अ, इ, उ, ऋ)
- जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगते है उन्हें दीर्घ स्वर कहते है।
- जैसे → आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
- आगत व्यंजनों की संख्या कितनी होती है – 2 ( ज़, फ़ )
- संयुक्त व्यंजनों की संख्या होती है – 4
- अवश्य देखे – क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
- लुंठित व्यंजनों की संख्या – 1 ( र )
- पार्श्विक व्यंजनों की संख्या कितनी होती है – 1 ( ल )
- उत्क्षिप्त व्यंजनों की संख्या कितनी होती है – 2 ( ड़, ढ़ )
- ऊष्म व्यंजन होते है – 4 ( श, ष , स, ह )
- अन्तःस्थ व्यंजन की संख्या – 4 ( य , र, ल, व )
- अर्धस्वर की संख्या होती है – 2 ( य, व )
- संयुक्त स्वर की संख्या – 4 ( ए, ऐ, ओ, औ )
- मध्य स्वर की संख्या होती है – 1 ( अ )
- अर्द्ध संवृत की संख्या होती है – 2 ( ए , ओ )
- विवृत स्वर की संख्या होती है – 2 ( आ, ऐ )
- अग्र स्वर की संख्या – 4 ( इ, ई, ए, ऐ )
- संयुक्त व्यंजन ( क्ष → क् + ष ) त्र ( त्र् + र ) , ज्ञ ( ज् + ञ ) , श्र ( (श् + र )
- तालव्य व्यंजन है –( च्, छ्, ज्, झ, ञ् , श, य् )
- मूर्धन्य व्यंजन है ( द , ठ्, ड् , ढ, ण, ष )
- दंत्य व्यंजन है – त्, थ्, द्, ध्, न्
- ओष्ठ्य व्यंजन है – प् , फ्, ब्, भ्, म्
- दंत्योष्ठ व्यंजन – व्
- भाषा की सबसे छोटी इकाई है – वर्ण
- ए, ऐ वर्ण क्या कहलाते है – अं, अः।
- किस शब्द में द्धित्व व्यंजन है – दिल्ली , पिल्ला, हिल्ला
- हिंदी में मूलतः वर्णों की संख्या कितनी है – 52
- क्ष ध्वनि किससे अन्तर्गत आती है – संयुक्तवर्ण के
- हिन्दी शब्दकोश में क्ष का क्रम किस वर्ण के बाद आता है – क
- जिनका उच्चारण ऊपर के दाँतो पर जीभ लगाने से होता है, उसे क्या कहते है – दन्त्य ।
- अर्धस्वर होते है – य , र, ल, व
- अल्पप्राण – प्राण का अर्थ वायु । इनके उच्चारण में फेफड़ों से बाहर निकलने वाली वायु की मात्रा कम होती है
- महाप्राण – इनके उच्चारण में फेफड़ों से बाहर निकलने वाली वायु की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक होता है।
- नासिक्य एवं निरनुनासिक व्यंजन – जिन ध्वनियों के उच्चारण में वायु मुख के साथ -साथ नासिक मार्ग से भी बाहर निकलती है , नासिक्य ध्वनियाँ कही जाती है।
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हिन्दी वर्णमाला का प्रैक्टिस सेट
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