इस अध्याय में हम ये जानगे कि हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ के बारे में –
मुहावरा कोई भी ऐसा वाक्यांश जिसका शब्दार्थ ग्रहण न करके कोई विलक्षण अर्थ ग्रहण किया जाता है वह मुहावरा कहते है। मुहावरा शब्द मूलतः अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- अभ्यास करना। मुहावरा
लोकोक्तियाँ → वह वास्तव में वह तीखी युक्ति है जो श्रोता के ह्रदय पर सीधा प्रभाव डालती है इसे कहावत के नाम से जाना जाता है।
(हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ )

आइये हम पहले ये देखते है कि इस अध्याय में क्या क्या जानेगे –
मुहावरे
लोकोक्तियाँ
मुहावरे और लोकोक्तियाँ से संबंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में किस प्रकार से पूछे जाते है उनसे सम्बन्धित Quiz (टेस्ट) MCQ भी देंगे।
मुहावरे
दोस्तो ये किसी न किसी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये आप इसे अच्छे से एक बार अवश्य पढ़ ले या नोट्स बना ले आप आइये देखते है →
विलोम शब्द | उनके अर्थ |
आग में घी डालना | क्रोधी को और अधिक उत्तेजित करना |
कीचड़ उछालना | बदनाम करना |
कपटी मित्र | आस्तीन का साँप |
काठ का उल्लू होना | बड़ा मूर्ख होना |
अक्ल का दुश्मन | बुद्धिहीन होना |
लोहा लेना | शत्रु से मुकाबला करना |
बालू से तेल निकालना | असंभव होना |
पानी से घी निकालना | असंभव होना |
खरगोश के सींग निकलना | असंभव होना |
चाँद पर थूकना | निर्देष पर कलंक लगाना /सम्माननीय का अनादर करना |
खेत रहना | वीरगति को प्राप्त हो जाना |
नाक बच जाना | इज्जत बच जाना |
जूतियों में दाल बाँटना | लड़ाई-झगड़ा हो जाना |
घड़ों पानी पड़ना | लज्जित होना |
जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि | कवि बहुत कल्पनाशील होते है |
अंधे की लकड़ी | एक मात्र सहारा |
नौ दो ग्यारह होना | भाग जाना |
कान भरना | चुगली करना |
सिर उठाना | विद्रोह करना |
चैन की बंशी बजाना | मौज करना |
आँख की किरकिरी होना | अप्रिय लगना |
कलेजा पसीज जाना | द्रवित हो जाना |
आँख उठाकर भी नहीं देखा | ध्यान तक न देना |
यथा नाम तथा गुण | जैसा नाम वैसा ही गुण |
नाक रगड़ना | विनती करना |
मक्खी मारना | खाली बैठना |
सब्जबाग दिखाना | झूठा आश्वासन देना |
हक्का-बक्का | अचरज में पड़ना |
आपे में नहीं रहना | अपनी सुख खो देना |
औधी खोपड़ी | निपट मूर्ख |
आँख के अंधे, गाँठ के पूरे | धनी परन्तु मूर्ख |
गार में सागर भरना | विस्तृत बात को संक्षिप्त में कहना |
चोर के पैर नहीं होते | दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है |
पेट भर मन-मोदन से कब | केवल सोचते रहने से किसी काम में सफलता न मिलना |
अरहर की टट्टी गुजराती ताला | छोटी बस्तु के लिए अधिक व्यय करना |
छाती पर मूँग दलना | बहुत परेशान करना |
जान पर खेलना | जोखिम उठाना |
कान में तेल डालना | कुछ न सुनना |
गाँठ में बाँधना | खूब याद करना |
अवश्य देखे →
हिन्दी टेस्ट सीरिज देने के लिए Click here |
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अक्ल पर पत्थर पकड़ना | बुद्धि भ्रष्ट होना |
अंडे सेना | घर में बेकार बैठना |
जूतम पैजार | लड़ाई -झगड़ा होना |
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता | अकेला व्यक्ति शक्तिशाली नहीं होता |
पौ बारह होना | अत्याधिक लाभ लेना |
बाँझ क्या जाने प्रसव की पीड़ा | जिस पर बीतती है, वही जानता है |
कान का कच्चा होना -सुनी | सुनायी बातों पर विश्वास करना |
घुटने टेकना | हार मान लेना |
खिजड़ी पकाना | किसी षड्यंत्र की तैयारी करना |
नीम हकीम खतरे जान | अल्प ज्ञान हानिकारक होता है |
अंधों में काना राजा | गुणहीनो के बीच एक गुणवान व्यक्ति |
गूलर का फूल होना | दुर्लभ वस्तु |
दाँत काटी रोटी | गहरी दोस्ती |
हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा | खर्च कम काम अच्छा |
टेढ़ी खीर | कठिन कार्य होना |
कान लगाना | ध्यान देना |
कान खड़े करना | चौकन्ना होना |
आसमान फट जाना | अचानक आफत आ पड़ना |
स्वावलंबी होना | पैरों पर खड़ा होना |
लाभ ही लाभ | पाँचो उँगलियाँ घी में |
उसने तो मेरी आँखे खोल दी | भ्रम को दूर करना |
हथियार डाल देना | हार मान लेना |
तिलांचलि दे दी | पूर्णतः मुक्त होना |
ऐसी-तैजी करना | दुर्दशा करना |
नौ-दो ग्यारह होना | रफू चक्कर होना |
ढपोर शंख | बेवकूफ |
जौहर खुलना | भेद का पता लगना |
छक्के छुड़ना | हारना |
लुटिया डूब जाना | पूर्णतः हार जाना |
अंतर के पट खोलना | विवेक से काम लेना |
अंगूठी का नग होना | बहुत कीमती |
समुद्र मंथन करना | कठोर परिश्रम करना |
तीर मारना | बड़ा काम करना |
छक्के छुड़ाना | हारना |
जौहर खुलना | भेद का पता लगना |
सिर खपाना | सोच विचार करना |
गोद में लड़का शहर भर में ढिंढोरा | पास में वस्तु रहते हुए चारों ओर खोजना |
तन पर नही लत्ता, पान खाये अलबत्ता | झूठा दिखावा करना |
घी के दिये जलाना | खुशी मनाना |
सोने में सुगन्ध | सुन्दर वस्तु में और गुण होना |
आँख का अंधा गाँठ का पूरा | मूर्ख धनी |
नई जमीन तोड़ना | अनूठा प्रयोग |
कोई तीर घाट तो कोई बीर घाट | ताल मेल न होना |
नीम हकीम खतरे जान | अल्प विद्या भयंकर |
चैन की बंशी बजाना | मौज करना |
तिल का ताड़ बनाना | छोटी सी बात को बढ़ा देना |
कौड़ी को न पूछना | निकम्मा होना |
तालू में जीभ न लगना | चुप न रहना |
आँखों का तारा | बहुत प्रिय |
अपना उल्लू सीधा करना | स्वार्थपूर्ति |
सारा काम रुक जाना | गुड़ गोबर करना |
तूती बोलना | किसी भी क्षेत्र में अमिट प्रभाव छोड़ना |
फिसल पड़े तो हर गंगे | मजबूरी में काम पड़ना |
तेली का बैल होना | बुरी तरह काम में लगे रहना |
छाती पर मूँग दलना | पास रहकर दुःख देना |
आधा तीतर आधा बटेर | बेमेल तथा बेढंगा होना |
गूलर का फूल होना | कभी भी दिखाई न देता |
घाट-घाट का पानी पीना | बहुत अनुभवी होना |
टिप्पस लगाना | सिफारिश करना |
न उधो का लेना न माधो को देना | अपने काम से काम |
कान फूँकना | दीक्षित करना |
सूरत नजर आना | बहुत दिनों बाद दिखाई पड़ना |
घाट-घाट का पानी पीना | बहुत अनुभवीा होना |
जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि | कवि बहुत कल्पनाशील होते है |
आँख का नीर ढल जाना | नर्लज्ज हो जाना |
तोते की तरह आँखे फेरना | पुराना सम्बन्धों को एकदम भुला देना |
मखमली जूते मारना | मीठी बातों से लज्जित करना |
हथेली पर सरसों जमाना | काम इतनी जल्दी नहीं हो जाता |
दाम लगाना | मूल्य आँकना |
दिन को दिन रात को रात न समझना | कोई बड़ा काम करते समय अपने सुख आराम का कुछ भी ध्यान न रखना |
रीढ़ टूटना | निराशा हो जाना |
शैतान की आँथ | बहुत लम्बी वस्तु |
सुबह शाम क रना | टाल मटोल करना |
हाथ ऊँचा होना | दान आदि के लिए मन में उदारता का भाव |
सिर उठाना | विरोध में आना |
हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
इन्हें भी जाने →हिन्दी विलोम शब्द और टेस्ट भी दे साथ में Click here
लोकोक्तियाँ
लोकोक्तियाँ | अर्थ |
अधजल गगरी छलकत जाए | अल्प सम्पत्ति या विद्या वाले लोग अपना दिखावा अधिक करते है |
अन्त भले का भला | अच्छे कार्य का परिणाम अच्छा ही होता है |
अन्धा क्या चाहे दो आँखे | इच्छानुसार वस्तु का मिल जाना |
अपनी करनी पार उतरनी | मनुष्य अपने परिश्रम से ही सफलता प्राप्त करता है |
अन्धी पीसे कुत्ता खाय | कमाने वाले को बिना बताये, उसकी कमाई हड़प लेना |
अन्धों में काना राजा | अधिक मूर्खों में थोड़ा बढ़ा-लिखा भी विद्वान माना जाता है |
अन्धेर नगरी चौपट राजा | अयोग्य अधिकारी के राज्य में अन्याय ही अन्याय होता है |
अपना हाथ जगन्नाथ | अपने द्वारा किया गया कार्य लाभकारी होता है |
अशर्फियाँ लूटें, कोयलों पर मोहर | मूल्यवान वस्तु की परवाह न करना और तुच्छ वस्तु की चिन्ता करना। |
अपना हाथ जगन्नाथ | अपने द्वारा किया गया कार्य लाभकारी होता है |
थूक कर चाटना | कही बात से मुकर जाना |
दिल्ली दूर है | सफलता में देरी है। |
जितनी डफली उतने राग | भिन्न-भिन्न मत होना |
जिसकी लाठी उसकी भैंस | शक्तिशाली व्यक्ति की ही विजय होती है |
चोरी और सीना जोरी | दोषी भी हो और घुड़की भी दें |
घर की मुर्गी शाक बराबर | घर के आदमी का आदर न करना |
गेहूँ के साथ घुन भी पिसता है | बुरा के साथ अच्छा भी बदनाम होता है |
काला अक्षर भैस बराबर | अनपढ़ मनुष्य |
खग जाने, खग की भाषा | जो जिसके साथ रहने वाला है वह उसकी अच्छाई और बुराई को समझता है |
खरबूजे को देख खरबूजा रंग बदलता है | देखा देखी काम करना |
गंगा गये गंगादास जमुना गये जमुनादास | सिद्धान्तहीन व्यक्ति जिसके पास जाता है, उसी के सिद्धान्तों को मानने लगता है |
सब धन बाइस पसेरी | सभी के साथ एक-सा बर्ताव |
साँप मरे न लाठी टूटे | काम निकल जाये और हानि भी न हो |
हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ से महत्वपूर्ण MCQ