यांत्रिकी (Mechanics) भौतिकी की वह शाखा है जिसमें पिण्डों पर बल लगाने या विस्थापित करने पर उनके व्यवहार का अध्ययन करती है। आइये हम जानते हैं इसके यांत्रिकी (Mechanics) के बारे में जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

मात्रक (Unit)
किसी भौतिक राशि के एक निश्चित परिमाण की मानक मात्रों को मात्रक कहते हैं।
किसी दी हुई राशि की उसके मात्रक से तुलना करने की विधि को मापक(Measure) कहते हैं।
मात्रके दो प्रकार होते हैं
(1) मूल मात्रक (Fundamental Unit)
(2) व्युत्पन्न मात्रक ( Derived Unit)
द्रव्यमान, लम्बाई तथा समय आदि के मात्रक को मूल मात्रक कहते हैं।
वे मात्रक जो मूल मात्रक की सहायता से प्राप्त होते है, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।
भौतिक में मापन के लिए चार पद्धतियाँ प्रचलित है।
- SI ( System International) पद्धति → यह अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति है। आजकल सभी वैज्ञानिक कार्य इसी पद्धति से होता है।
- FPS (Foot – Pond – Second System) पद्धति → इस पद्धति में समय, लम्बाई और द्रव्यमान के मात्रक क्रमशः सेकेण्ड, फुट, तथा पाउण्ड होते हैं। इसे व्रिटिश-पद्धति भी कहते हैं।
- MKS (Meter kilogram second system) → इस पद्धति में लम्बाई, द्रव्यमान और समय का मात्रक क्रमशः मीटर, किलोग्राम, तथा सेकेण्ड होते हैं. इसे व्यावहारिक मात्रक कहते हैं.
- CGS (Centimetre–gram–second system) → इस पद्धति में दूरी का मात्रक सेंटीमीटर, द्रव्यमान का ग्राम तथा समय का मात्रक सेकेण्ड होता है। इसे मैट्रिक या फ्रेन्च पद्धति कहते हैं।
S.I. पद्धति में मूल मात्रक –
मूल मात्रक (Fundamental Units)→ वे मात्रक है, जो अन्य मात्रकों से स्वतंत्र होते हैं उनके एक दूसरे से सम्बन्धित नही किया जा सकता अथवा आपस में बदला नहीं जा सकता है।
S.I. पद्धति में सात मूल मात्रक तथा दो पूरक मूल मात्रक है।
राशि ( Quantity) | मात्रक (Units) | संकेत (Symbol) |
1. द्रव्यमान (Mass) | किलोग्राम | Kg |
2. लम्बाई (Length) | मीटर | m |
3. समय (Time) | सेकेण्ड | s |
4. ताप (Temperature) | केल्विन | K |
5. विद्युत धारा (Electric Current) | ऐम्पियर | A |
6. ज्योति तीव्रता (Luminous Intensity) | कैण्डेला | cd |
7. पदार्थ की मात्रा ( Quantity of Mass) | मोल | mol |
पूरक मूल मात्रक
1. तलीय कोण (Plane Angle) | रेडियन | rad |
2. घन या ठोस कोण ( Solid Angle) | स्टेरेडियन | sr |
SI पद्धति में प्राचीन मात्रकों के आधुनिक नाम एवं संकेत
भौतिक राशि | प्राचीन नाम | आधुनिक नाम |
1. आवृत्ति (Frequency) | कम्पन प्रति सेकेण्ड (CPS) | हर्ट्स (Hz) |
2. ताप (Temperature) | डिग्री सेण्टीग्रेड (0C) | डिग्री सेल्सियस (0C) |
3. ज्योति तीव्रता(Luminous Intensity) | कैण्डिला शक्ति (CP) | कैण्डेला (cd) |
क्षेत्रफल का मात्रक
1 एकड़ = 4840 वर्ग गज
640 एकड़ = 1 वर्ग मील
1 एयर = 100 वर्ग मीटर
100 एयर = 1 हैक्टेयर = 2.471 एकड़
कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु
प्रकाश वर्ष (Light Year) → प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी को प्रकाशवर्ष कहा जाता है। यह लम्बी दूरी का मात्रक है।
प्रकाश एक वर्ष में 9.46×1016 मीटर की दूरी तय करता है।
खगोलीय मात्रक (Astronomic Unit) → सूर्य और पृथ्वी के बीच की औसत दूरी खगोलीय मात्रक कहलाता है। खगोलिय मात्रक 1.5 × 1011 मीटर होता है।
पारसेक (Parsec) → यह Paralactic Second का संक्षिप्त रूप है। यह सबसे लम्बी दूरी का मात्रक है।
1 पारसेक = 3.08× 1016 मीटर होता है।
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महत्वपूर्ण मात्रक एवं संकेत
राशि | मात्रक (S.I.) | संकेत |
चाल | मीटर प्रति सेकेण्ड | ms-1 |
बल | न्यूटन | N |
आवेग | न्यूटन सेकेण्ड | Ns |
ऊर्जा | जूल | J |
संवेग | किग्रा. मी. प्रति सेकेण्ड | Kgms-1 |
कोणीय संवेग | किग्रा. ग्रा. मी.2 प्रति सेकेण्ड अथवा जूल प्रति सेकेण्ड | kgms-1 , Js-1 |
शक्ति | वाट | W |
दाब | पास्कल | Pa |
पृष्ठ तनाव | न्यूटन प्रति मीटर | Nm-1 |
श्यानता | न्यूटन सेकेण्ड प्रति मी2 | Nsm-2 |
विशिष्ट ऊष्मा | जूल प्रति किग्रा प्रति केल्विन | Jkgs-2 K-1 |
कोणीय वेग | रेडियन प्रति सेकेण्ड | rad s-1 |
आवृत्ति | हर्ट्ज | Hz |
जड़त्व-आघूर्ण | किग्रा मीटर2 | Kgm2 |
ऊष्मा-चालकता | वाट प्रति मीटर प्रति डिग्री सेल्सियस | Wm-1 OC-1 |
विद्युत – आवेश | कूलाम्ब | C |
विभवान्तर | वोल्ट | V |
विद्युत प्रतिरोध | ओम | Ω |
विद्युत धारिता | फैरड | F |
ज्योति फल्क्स | ल्यूमेन | Im |
प्रकाश तंरगदैर्ध्य | ऐक्ट्राम | Ac या Å |
चुम्बकीय फ्लक्स | वेबर | Wb |
चुम्बकीय क्षेत्र | टेसला | T |
कार्य | न्यूटन-मीटर या जूल | Nm, J |
घनत्व | किग्रा प्रति मी3 | Kgm-3 |
गुरुत्वाकर्षण नियतांक | न्यूटन मी2 प्रति किग्रा | Nm2Kg-2 |
आइये हम यह देखते है की यांत्रिकी (Mechanics) से प्रतियोगी परिक्षाओं में किस प्रकार से प्रश्न पूछे जाते हैं →
→पदार्थ के संवेग और वेग के अनुपात में कौन सी भौतिक राशि प्राप्त की जाती है – द्रव्यमान
→बल गुणनफल है – द्रव्यमान और त्वरण का
→ किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को वस्तु का संवेग कहते हैं
→साधारण यंत्र किसी व्यक्ति की सहायता करता है – कम बल का प्रयोग करके भी उतनी ही मात्रा में काम करने में
→एक व्यक्ति एक संवेदनशील तराजू पर खड़ा है। यदि वह गहरी सांस अंदर लेता है तो तराजू की रीडिग – वह बढ़ेगी या घटेगी यह वायुमंडलीय दबाव पर निर्भर करेगा
→ सदिश राशियाँ – वे राशियां जिनको व्यक्त करने के लिए दिशा एवं परिमाण दोनों की आवश्यकता होती है, सदिश राशियां कहलाती है.
उदाहरण → वेग, बल, संवेग, त्वरण, विस्थापन, रेखीय संवेग, कोणीय वेग, कोणीय संवेग, चुम्बकीय आघूर्ण, चाल प्रवणता, ताप प्रवणता,विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण, विद्युत धारा घनत्व इत्यादि।
→ आदिश राशियाँ – जिन राशियों को व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है दिशा की नहीं उन्हें अदिश राशियां कहते है
उदाहरण → समय, चाल, द्रव्यमान, कार्य, ऊर्जा, कोण, आवेग, आयतन, घनत्त्व, दाब, वैद्युत धारा, ताप, आवृति, विशिष्ट ऊष्मा आदि।
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