भारत पर तुर्कों के आक्रमणःमहमूद गजनवी

अरबों के द्वारा प्रारम्भ किया गया कार्य  तुर्कों ने पुरा किया अर्थात्  अरबों के बाद भारत पर तुर्कों ने आक्रमण: महमूद गजनवी तो आइये हम देखते है कि भारत पर तुर्कों के आक्रमण:महमूद गजनवी

भारत में तुर्कों के आक्रमण ( Turkish Invasion of India)

भारत पर तुर्कों का आक्रमणः महमूद गजनवी
भारत पर तुर्कों का आक्रमणः महमुद गजनवी

इस्लाम के इतिहास मे जिन जातियों ने असर डाले हैं उनमें तुर्कों का विशेष महत्व है।

तुर्क मूलतः मध्य एशिया (Central Asia) के निवासी थे।

10 वीं शताब्दी ई. में बर्बर और खूंखार तुर्कों ने इस्लाम स्वीकार कर लिया था।

तुर्कों  के भारत पर आरम्भिक आक्रमण गजनवी के सुबुक्तगीन ने ही किये तथा 986-87 ई. में पंजाब के हिन्दुशाही शासक  जयपाल शाही को अपमानजनक सन्धि  करने पर विवश कर दिया।

जयपाल शाही  को परास्त करने के बावजूद सुबुक्तीन भारत में अपने  साम्राज्य की स्थापना में कोई रुचि नहीं दिखाई।

परन्तु  उसके पदचिन्हों पर चलते हुए उसके पुत्र महमूद गजनी ने भारत के विरुद्ध अपने प्रसिद्ध अभियान किये।

महमूद गजनवी (Mahmud Gajnavi)

महमूद गजनवी
महमूद गजनवी. भारत पर तुर्कों के आक्रमण

भारत पर तुर्कों के आक्रमण में महमूद गजनवी का जन्म  971 ई. में हुआ था।

अपने पिता के शासनकाल में वह एक प्रान्त खुरासन का गवर्नर था।

महमूद गजनवी 27 वर्ष  की उम्र में 998 ई. में महमूद गजनी (या गजनवी) गजनी की गद्दी पर बैठा।

महमूद  गजनवी  के राज्यरोहन के वक्त उसके राज्य में अफगानिस्तान तथा खुरासन सम्मिलत थे।

इसकी खलीफा अल – कादिर – बाकी – बिल्लाह ने महमूद  के पद को मान्यता दी तथा उसे यमीन -उद् – दौला तथा यमीन -उल- मिल्लाह की उपाधि प्रदान की।

महमूद गजनी ने भारत पर 17 बार ( 1000 ई. से 1027 ई. के बीच) आक्रमण किया।

महमूद गजनी का पहला आक्रमण 1004 ई. में पंजाब के हिन्दूशाही शासक जयपाल शाही के विरूद्ध हुआ जिसमें महमूद गजनी को विजयी  हुई।

महमूद  गजनी ने हिन्दुशाही वंश के विरूद्ध 1004-1021 ई. में मुल्तान एवं भटिंया के विरुद्ध 1009  ई. में थानेश्वर  के विरुद्ध 1014 ई. में अभियान किये।

महमदू गजनी  ने कालिंजर  के विरूद्ध (1019 -1029) ई.  में, सोमनाथ के विरुद्ध 1025 -26 ई.  में तथा  मुल्तान के जाटों  एवं खोखरों के विरूद्ध 17 वाँ एवं अन्तिम सफल आक्रमण किये।

महमूद गजवी  द्वारा  सोमनाथ मन्दिर पर किये गये आक्रमण के उपरान्त  शिवलिंग के टुकड़े पर दिये गये और उन्हेे गजनी, मक्का एवं मदीना भिजवा दिया गया।

30 अप्रैल 1030  ई. को सुल्तान  महमूद की मृत्यु कहो गई।

महमूद गजनवी  के दरबार में प्रमुख विद्वान थे इस प्रकार थे  –

अलबरुनी, उत्बी, फराबी ,बैहाकी ,फारुखी ,फिरदौसी ,असादी ,तुसी

वैहाकी  ने तारीख-ए-सुबुक्तगीन की रचना की।

इतिहास  में महमूद गजनवी , सुल्तान महमूद के नाम से विख्यात हुआ।

मुहम्मद गोरी (  Muhammad Ghuri)

मुहम्मद गोरी
मुहम्मद गोरी भारत पर आक्रमण

गजनी एवं हिरात के बीच गोर नामक एक छोटा सा राज्य था।

गोर से सूर कबीले के अफगान-निवासी  शासन करते थे।

1000 ई. में  इस राज्य  पर महमूद गजनवी  ने आक्रमण किया, परन्तु  कबीले से समझौता हो जाने के कारण उसने  गजनी  को लौटा दिया।

गोर के एस शासक ग्याशुद्दीन ने 1170 ई. में गजनी को अपने अधिकार  मे ले लिया।

1173  ई. में महम्मूद  गोरी  ( मुइद्दीन मुहम्मद बिन साम गोर)  गोर का शासक बना।

मुहम्मद गोरी  ने 1175 ई. से 1206 ई. तक भारत पर अनेक आक्रमण किये।

मुहम्मद  गोरी  ने अपना पहला आक्रमण मुल्तान  के विरूद्ध 1175 ई. में किया।

मुहम्मद गोरी का दूसरा आक्रमण 1175 ई. में उच्छ के भट्टी राजपूतों के विरूद्ध किया तथा  उसके राज्य पर अधिकार  कर लिया।

मुहम्मद गोरी ने भारत पर तीसरा आक्रमण गुजरात के अन्हिलवाड़ा पर 1178 ई. में किया। परन्तु  अन्हिलवाड़ा पर किये गये  आक्रमण में मुहम्मद गोरी को मूलराज-।। से पराजित होना पड़ा।

मुहम्मद गोरी  को एक और बड़ी पराजय 1191  ई. के तराइन के प्रथम युद्ध में झेलनी पड़ी।

तराइन के प्रथम युद्ध में गोरी को अजमेंर के शाकंभरी वंश के शासक पृथ्वीराज ।।। यानि पृथ्वीराज चौहान ने बुरी तरह परास्त कर दिया परन्तु , 1192 ई.  के तराइन के द्तीय युद्ध में पृथ्वीराज चौहान गोरी से हार गया तथा यही से  भारत में मुस्लिम शासन की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ।

मुहम्मद गोरी ने एक अन्य शक्तिशाली राजपूत शासक जयचन्द्र (कनौज का शासक) , को 1194 ई. के चन्द्रावर-युद्ध में पराजित किया।

मुहम्मद गोरी के गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा गुजरात ( 1197 ई. )कोटा, सिरोही, बुन्दी, उज्जैन (1197 -1203 ई. ) तथा कलिंजर ( 1202 -03)  आदि विजित कर लिये गये।

मुहम्मद गोरी के एक अन्य सैन्य जनरल इक्तियारूद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी  ने 1197  ई. में बिहार  एवं इसकी राजधानी  ओदंतपुर पर कब्जा कर लिया।

1199 ई. में बंगाल पर आक्रमण कर वहाँ के शासक लक्ष्मण सेन से बंगाल छीनकर बख्तियार खिलजी ने तुर्की राज्य मे मिला दिया।

आपको यह जरूर पढ़ाना चाहिएप्रमुख आन्दोलन एवं विद्रोह संन्यासी विद्रोह, भील विद्रोह, खासी विद्रोह Click

भारत में तुर्की सत्ता के पांव  जमाने के बाद  विजित प्रदेश का दायित्व अपने दासों एवं सैन जनरलों को सौंपकर मुहम्मद गोरी वापस लौट गया।

गोर की ओर लौटते वक्त 15 मार्च, 1206 ई. को दमयक नामक स्थान पर खोखर जाति  के लोगों द्वारा मुहम्मद गोरी की हत्या कर दी गई।

1206 ई. में ही कुतुबद्दीन ऐबक ने लौहार में राज्यभिषेक कराया तथा इसे अपनी राजधानी बनाया।

तो आइये हम देखते है कि भारत पर तुर्कों के आक्रमण  से  प्रतियोगी परीक्षाओं में किस प्रकार से प्रश्न पुछे जाते हैं.

महमूद गजनवी का दरबारी इतिहाकार कौन था  – उत्बी

शाहनामा नामक पुस्तक के लेखक कौन था  –फिरदौसी

बिहार का प्रथम मुस्लिम विजेता कौन था  – बख्तियार खिलजी

नालंदा विहार का विध्वंस किसने किया था  – बख्तियार खिलजी ने

मुहम्मद गोरी ने जयचंद्र को किस युद्ध  में पराजित किया था –तराइन का युद्ध ( 1192 ई. में)

किसने महमूद गजनी के हमले  के बाद सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया  –  भीमदवे ने

पुराणों का अध्ययन  करने वाला प्रथम मुसलमान कौन था  – अलबरूनी

मध्य एशिया के किस शासक ने 1192 ई. में उत्तर भारत को जीता  – शिहाबुद्दीन मुहम्मद गोरी ने

मुहम्मद गोरी को किस दास  ने बंगाल एवं बिहार पर विजय प्राप्त की – बख्तियार खिलजी

हिंद (भारत) की जनता के संदर्भ में हिंद शब्द का प्रथम बार प्रयोग किया था  – अरबों ने

मुहम्मद बिन कासिम द्वारा सिंध की विजय कब हुई – 712 ई. में 

गजनी राजवंश का संस्थापक कौन था  – अल्पतगीन

किताब-उल-हिन्द/तारीख -ए – हिन्द / तहकीक -ए- हिन्द का लेखक कौन था  – अलबरूनी

उस विद्वान का क्या नाम था जो महमूद गजनवी के साथ भारत आया था  –अलबरूनी

किसने एक ओर संस्कृत मुद्रालेख के साथ चांदी के सिक्के निर्गत किए  – महमूद गजनवी

किस हिन्दुशाही शासक ने स्वंय द्वारा प्रज्जवलित  चित में कूदकर आत्मदाह कर लिया  –जयपाल ने

संस्कृत का अच्छा ज्ञाता कौन था महमूद गजनवी के काल में – अल्बरूनी

महमूद गजवनी  ने सबसे पहले किसे हराया  –  जयपाल को 

महमूद गजनवी के काल में शाही -राज्य की राजधानी स्थित थी  – उदभाण्डपुर में

सुल्तान महमूद गजनवी ने भारत पर कितने बार आक्रमण किया था  – 17 बार 

महान कवि फिरदौसी  किसके दरबार की शोभा बढ़ाया था  –  सुल्तान महमूद

भारत पर आक्रमण करने वाला प्रथम तूर्क आक्रमणकारी था  – सुबुत्कगीन

महमूद गजनवी ने किस अनुक्रम में भारत पर आक्रमण किया  – मुल्तान→ कन्नौज→ मथुरा→ थानेश्वर→ कश्मीर

महमूद गजनवी  के भारत  आक्रमण के समय आये विद्यान अलबरूनी  ने किस महत्वपूर्ण ग्रंथ की रचना की –  किताब -उल – हिन्द

महमूद गजनवी को परास्त करने हेतु राजपूत शासकों के संघ का नेतृत्व किसने किया था  – आनंदपाल ने

महमूद गजनवी  के साथ युद्ध मे अपमानजनक पराजय के पश्चात आत्महत्या करने वाला पंजाब का हिन्दू राजा कौन था  – जयपाल

भारतीय राजाओं में से किसने सर्वप्रथम मुहम्मद गोरी  को पराजित किया था  – भीम द्तीय ने

किस सुल्तान ने सोने के सिक्के  के एक ओर  देवी लक्ष्मी ओर दूसरी  ओर देवी का नाम अंकित करवाया  – मुहम्मद गोरी ने

किसने मुहम्मद गौरी की हत्या की थी  – खोखरो ने

किस राज्य पर मुहम्मद गोरी द्वरा सर्वप्रथम  आक्रमण किया गया था  – सिंध

तुर्क शासक शहबुद्दीन गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को किस युद्ध में पराजित किया था  –तराइन का द्तीय युद्ध

इसी जैसी और भी बेहतरीन जानकारी के लिए  विजिट करते रहिए – (भारत पर तुर्कों के आक्रमण)

अगर आप टेलीग्राम पर जुड़ना चाहते हैं तो नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें 

2 thoughts on “भारत पर तुर्कों के आक्रमणःमहमूद गजनवी”

Comments are closed.

error: Content is protected !!