भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद

इस अध्याय में हम भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद (Important Articles of the Indian Constitution) के बारें मे जानगे

जो प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु महत्वपूर्ण है। इस अध्याय से प्रतियोगी परीक्षाओं में 1 या 2 प्रश्न अवश्य पूछे जाते है। आप जानते भी है।

भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद

भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण Important Articles of the Indian Constitutionअनुच्छेद
भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद

अनुच्छेद  1 – भारत राज्यों का संघ है ।

अनुच्छेद 3 – संसद विधि द्वारा नए राज्य बना सकती है  और  राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर

सकती है।

अनुच्छेद 53 – संघ की कार्यपालिका संबंधी शक्ति राष्ट्रपति में निहित रहेगी।

अनुच्छेद 64 – उपराष्ट्रपति  राज्य सभा का पदेन अध्यक्ष होगा।

अनुच्छेद 76  – राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जाएगी।

अनुच्छेद 108  – यदि किसी विधेयक के संबंध में दोनों सदनों में गतिरोध उत्पन्न हो गया हो तो संयुक्त अधिवेशन का

प्रावधान है।

अनुच्छेद 110 – धन विधेयक को इस अनुच्छेद में पारिभाषित किया गया है।

अनुच्छेद 112- प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु राष्ट्रपति द्वरा संसद को समक्ष बजट पेश किया जाएगा।

 अनुच्छेद  123  – संसद के अवकाश में राष्ट्रपति  को अध्यादेश जारी करने का अधिकार

अनुच्छेद 124 – इसके अंतर्गत सर्वोच्य न्यायालय के गठन का वर्णन है किया गया है।

अनुच्छेद 129 – सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय है।

अनुच्छेद 148 – नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति  द्वारा की जाएगी।

अनुच्छेद 169 – राज्यों में विधान परिषदों की रचना उनकी समाप्ति विधान सभा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव तथा

संसद द्वारा इसकी स्वीकृत से संभव है।

अनुच्छेद 213 – राज्य विधायिका के सत्र में नही रहने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है।

अनुच्छेद 214  – सभी राज्यों के लिए उच्च न्यायालय की व्यवस्था होगी।

अनुच्छेद 233 – जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श से की जाएगी।

अनुच्छेद  248 – विधि निर्माण संबंधी अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में निहित है।

अनुच्छेद 263 – केंद्र-राज्य संबंधों में विवादों का समाधान करने एवं परस्पर सहयोग के क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से

राष्ट्रपति  एक अंतरराष्ट्रीय परिषद् की स्थापना कर सकता है।

अनुच्छेद 280- राष्ट्रपति हर पाँचवे वर्ष में एक वित्त आयोग की स्थापना करेगा।

अनुच्छेद 312 – राज्य सभा विशेष बहुमत द्वारा नई अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की अनुशंसा कर सकती है।

अनुच्छेद 315 – संघ एवं राज्यों के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना की जाएगी।

अनुच्छेद 324 – चुनावों के पर्यवेक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण संबंधी समस्त शक्तियाँ चुनाव आयोग में निहित रहेंगी।

अनुच्छेद 326 – लोक सभा तथा विधान सभाओं में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर  होगा।

अनुच्छेद 331 – ऑंग्ल-भारतीय समुदाय के लोगों का राष्ट्रपति द्वारा लोक सभा में मनोनयन  संभव है, यदि  वह

समझे  उसकी उचित प्रतिनिधित्व नहीं है।

अनुच्छेद 332- अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों का विधानसभाओं में आरक्षण का प्रावधान।

अनुच्छेद 333- ऑग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का विधान सभाओं में मनोनयन

अनुच्छेद  335 – अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न सेवाओं में पदों पर आरक्षण का

प्रावधान।

अनुच्छेद  343- संघ की अधिकारिक भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई हिन्दी होगी।

अनुच्छेद 360- वित्तीय आपात स्थिति की घोषणा कर सकता है।

अनुच्छेद 368 – संसद को संविधान के किसी भी भाग का संशोधन करने का अधिकार है।

अनुच्छेद 370- इसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति का वर्णन है।

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