इस अध्याय में हम संविधान का एक महत्वपूर्ण टॉपिक प्रमुख संविधान संशोधन PDF से बनने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे मे जानगे
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प्रमुख संविधान संशोधन PDF

प्रथम संशोधन अधिनियम, 1951 – संविधान में नौवी अनुसूची को जोड़ा गया । इस अनुसूची में उल्लिखित विषयों को सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति से बाहर रखा गया है।
7 वाँ संशोधन अधिनियम, 1956 – इसके द्वारा भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया तथा पहले की तीन श्रेणियों को समाप्त
कर 14 राज्यों एवं 6 केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया ।
10 वाँ संशोधन अधिनियम, 1961 – इसमें दादर और नागर हवेली को भारतीय संघ में जोड़ा गया।
11 वाँ संशोधन अधिनियम, 1961 – राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन को उपयुक्त निर्वाचन मंडल में रिक्तता के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती है।
12 वाँ संशोधन अधिनियम, 1962 – इसमें गोवा, दमन और दीव भारतीय संघ में शामिल है ।
13 वाँ संशोधन अधिनियम, 1962 – इसके तहत नगालैंड के बारे में विशेष प्रावधान किया गया ।
14 वाँ संशोधन अधिनियम, 1962 – इसमें पुडुचेरी भारतीय संघ में शामिल तथा हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, गोवा, दमन एवं दीव तथा पुडुचेरी के लिए विधानमंडल एवं मंत्रिपरिषद की व्यवस्था की गई ।
21 वाँ संशोधन अधिनियम, 1967 – इसमें सिधी भाषा को आठवीं अनुसूची में 15 वीं भाषा के रूप में शामिल किया गया ।
24 वाँ संशोधन अधिनियम, 1971 – इसमें संसद संविधान के किसी भी हिस्से में यानि मूल अधिकार में भी ) संशोधन कर सकती है।
31 वाँ संशोधन अधिनियम, 1973 – इसमें लोक सभा सीटों की संख्या 525 से बढ़ाकर 545 किया गया ।
36 वाँ संशोधन अधिनियम, 1975 – इसमें भारतीय संघ में सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया ।
42 वाँ संशोधन अधिनियम, 1976 – इसके द्वराा प्रस्तावना में समाजवादी , पंथनिरपेक्षतथा अंखडता शब्द जोड़े गए।
भाग 4 क – में नागरिकों के मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया ।
44 वाँ संशोधन अधिनियम, 1978 – राष्ट्रपति के द्वराा विधेयक को पुनर्विचार के लिए एक बार वापस भेजने की शक्ति प्रदान की गई ।
राष्ट्रीय आपात के संदर्भ में आंतरिक अशांति शबद के स्थान पर सशस्त्र विद्रोह शब्द रखा गया ।
संपत्ति के अधिकार – को प्राप्त मूल अधिकार कार दर्जा समाप्त कर, इसे विधिक अधिकार का दर्जा प्रदान किया गया ।
52 वाँ संशोधन अधिनियम, 1985 – इसके तहत संसद एवं राज्य विधानमंडल के सदस्यों को दल-बदल के मामले में अयोग्य घोषित करने की व्यवस्था है। इसके लिए दसवीं अनुसूची को जोड़ा गया।
58 वाँ संशोधन अधिनियम, 1987 – संविधान का प्राधिकृत पाठ हिंदी भाषा में उपलब्ध कराया गया।
61 वाँ संशोधन अधिनियम, 1988 – नागरिकों के मतदान करने की न्यूनतम आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया गया ।
69 वाँ संशोधन अधिनियम, 1991 – इसमें संघ शासित प्रदेश दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा प्रदान किया गया । इसके अलावा दिल्ली के लिए 70 सदस्यीय विधानसभा की व्यवस्था की गई।
70 वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 – राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तथा पुडुचेरी की विधानसभा के निर्वाचन सदस्यों को भी शामिल किया गया ।
71 वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 – इसमें कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया ।
73 वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 – इसमें संविधान में भाग -9 तथा 11 वीं अनुसूची जोड़कर पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
74 वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 – संविधान में भाग 9 क तथा 12 वीं अनुसूची जोड़ी गई। इसके द्वारा शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया ।
84 वाँ संशोधन अधिनियम, 2001 – इसमें लोक सभा एवं राज्य विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण पर 25 वर्ष के लिए ( वर्ष 2026 तक) रोका
86 वाँ संशोधन अधिनियम, 2002 – इसम्ं प्रारंभिक शिक्षा को मूल अधिकार का दर्जा प्रदान किया गया ।
91 वाँ संशोधन अधिनियम, 2003 – इसके द्वारा मंत्रिपरिषद के आकार को सीमित किया गया, जो कि लोक सभा के कुल सदस्य संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती ।
92 वाँ संशोधन अधिनियम , 2003 – इसमें बोडो, डोगरी और मैथिली एवं संथाली को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया । इस प्रकार 8 वीं अनुसूची में वर्णित भाषाओं की कुल संख्या 22 हो गई है ।
97 वाँ संशोधन अधिनियम, 2011 – इसमें सहकारी समिति बनाने का अधिकार अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकार बन गया ।
100 वाँ संशोधन अधिनियम, 2015 – यह भारत तथा बांग्लादेश के मध्य भूमि हस्तांतरण से संबंधित है।
101 वाँ संशोधन अधिनियम, 2016 – इसके तहत वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित प्रावधान शामिल किया गया है।
102 वाँ संशोधन अधिनियम, 2018 – राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक दर्जा।
103 वाँ संशोधन अधिनियम, 2019 – सामान्य वर्ग के गरीबों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था ।
104 वाँ संशोदन अधिनियम, 2019 – इसमें लोक सभा एवं राज्य विधानसभा में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए स्थानों के आरक्षण में 10 वर्ष की वृद्धि तथा लोक सभा एवं राज्य विधानसभा के नाम निर्देशन द्वारा आंग्ल-भारतीय समुदाय के प्रतिनिधित्व संबंधी उपबंध का समापन किया गया है।
105 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2021 , राज्य ने संविधान 2021 पर निर्भर कानून का बचाव किया।इसके अनुसार, इस संशोधन ने राज्य सूचियों और पिछड़े वर्गों की पहचान करने और उन्हें अधिसूचित करने की राज्यों की शक्ति को संरक्षित किया
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