इस अध्याय मे हम उत्तर प्रदेश की जलवायु PDF से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे मे जानगे क्योकि इस अध्याय से भी
प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है । तो आइये जानते है।
उत्तर प्रदेश की जलवायु PDF
उत्तर प्रदेश की जलवायु की दृष्टि से उपोष्ण कटिबंध में आता है।
यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसून प्रकार की है।
वर्षा, भूभाग और मिट्टी की विशेषताओं के आधार पर उत्तर प्रदेश में 9 कृषि जलवायु प्रदेश की पहचान की गई है।
उत्तर प्रदेश को मुख्यतः दो जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया जाता है –
1.आर्द्र एवं उष्ण प्रदेश
2. साधारण आर्द्र एवं उष्ण प्रदेश
आर्द्र एवं उष्ण प्रदेश को तराई क्षेत्र 120-180 cm वार्षिक वर्षा एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश 100-120 cm तक औसत वार्षिक वर्षा में विभाजित किया जाता है।
साधारण आर्द्र एवं उष्ण प्रदेश के अंतर्गत मैदानी क्षेत्र जहां औसत वार्षिक वर्षा 80-100 सेमी है। पश्चिमी मैदानी क्षेत्र
और बुंदेलखंड के पठारी और पहाड़ी प्रदेशों में वर्षा की मात्रा कम पाई जाती है। इसका कारण है कि प्रदेश में पूरब से
पश्चिम और उत्तर से दक्षिण जाने पर आर्द्रता की मात्रा घटती जाती है ।
उत्तर प्रदेश में मुख्यतः तीन ऋतुएँ पाई जाती है।
1.शीत ऋतु
2. ग्रीष्म ऋतु
3. वर्षा ऋतु
उत्तर प्रदेश में शीत ऋतु अक्टूबर से फरवरी तक रहती है ।
शीत ऋतु में उत्तर प्रदेश का तापमान उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ता जाता है।
उत्तर प्रदेश के दक्षिण पठारी भाग में शीत ऋतु का औसत अधिकतम तापमान 28.30C तथा न्यूनतम तापमान 13.30C रहता है ।
प्रदेश के पश्चिमी मैदानी एवं पर्वतीय भागों का औसत न्यूनतम तापमान 100C रहता है। नोट -(0 डिग्री)
उत्तर प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु मार्च से मध्य जून तक रहती है ।
प्रदेश मे मई एवं जून माह में सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया जाता है ।
उत्तर प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु का औसत अधिकतम तापमान 36-390C तथा न्यूनतम तापमान 21-230C होता है।
ग्रीष्म ऋतु में कुछ स्थानों पर तापमान 470C तक चला जाता है ।
उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र में सर्वाधिक औसत औसत तापमान पाया जाता है ।
इसका कारण इसकी कर्क रेखा से अधिक निकट अवस्थिति का होना है ।
उत्तर प्रदेश में शीत ऋतु में सर्वाधिक ठंडा महीना जनवरी रहता है।
उत्तर प्रदेश के झांसी एवं आगरा जिलो में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है ।
ग्रीष्म ऋतु में उत्तर प्रदेश में पश्चिमी हवाएं तीव्र गति से चलती है , इन शुष्क एवं गर्म हवाओं को लू कहते है।
उत्तर प्रदेश में वर्षा ऋतु जून के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ होकर अक्टूबर तक रहती है।
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा जुलाई एवं अगस्त महीनों में होती है।
बंगाल की खाड़ी से उठने वाला मानसून बिहार के मैदानी भाग से होती है।
बंगाल की खाड़ी से उठने वाला मानसून बिहार के मैदानी भाग से होता हुआ उत्तर प्रदेश करता है,इसे पूर्वा कहते है ।
उत्तर प्रदेश से मानसून का प्रत्यावर्तन अक्टुबर के प्रथम सप्ताह से होता है ।
उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर ( औसत 184.7 सेमी.) में तथा सबसे कम वर्षा मथुरा (औसत 54.4 सेमी) में होती है ।
पूर्वी मैदानी क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 112 सेमी. है।
पश्चिमी मैदानी क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 84 सेमी. है।
उत्तर प्रदेश की नदियों में अधिकतम प्रवाह मानसून के दौरान ही रहता है ।
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